Friday, April 27, 2018

राहुल गांधी के प्लेन में खराबी आयी थी या प्रियंका के लिए फेल्ड प्रोडक्ट हटाकर मार्ग साफ करने की योजना थी ?

क्या सच में राहुल के विमान में खराबी आयी थी या फिर प्रियंका वाड्रा गांधी के लिए रास्ता साफ करने हेतु फेल्ड प्रोडक्ट राहुल गांधी की बलि चढ़वाकर व् जनता की सहानुभति व् संवेदना बटोरकर चुनाव जितने का प्रयास था?
सत्ता व् राजनितिक लाभ हेतु बलि देने का घियासुद्दीन नेहरू गांधी परिवार का पुराना इतिहास रहा है आइये इतिहास के पन्ने पलटते हैं


  • भगत सिंह,सुखदेव राजगुरु, बटुकेश्वर दत्त को राजनीतिक बंदी घोषित न करवाकर नेहरू ने ग़ांधी के माध्यम से इन सबकी बलि चढ़वाई
  • चंद्रशेखर आज़ाद को मिलने के बहाने बुलाकर उनकी मुखबिरी अंग्रेजों से कर नेहरू ने उनकी बलि चढ़वाई
  • सुभाष चंद्र बोस को नेहरू व् मोहनदास गांधी की जोड़ी ने त्रस्त कर कांग्रेस छोड़ने हेतु मजबूर कर उनके विरुद्ध षड्यंत्र कर उन्हें भारत छोड़ने पर बाध्य कर उनकी बलि चढाई
  • सरदार पटेल की प्रतिभा व् लोकतान्त्रिक चयन की बलि गांधी की सहायता से चढ़वाकर नेहरू प्रधानमंत्री बने
  • इंदिरा ने नेहरू के केजीबी संग संबन्धों का लाभ उठाते हुए ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री की बलि चढ़वाई
  • इंदिरा ने अपने शौहर फ़िरोज़ से राजनितिक प्रतिद्वंदिता मिलने पर उसकी बलि चढ़वाई, आजतक कोई कांग्रेस नेता फ़िरोज़ की कब्र पर नहीं गया, राहुल-प्रियंका-सोनिया-राजीव इंदिरा की समाधि पर तो जाते रहे हैं किंतु इंदिरा के शौहर फ़िरोज़ की कब्र पे नहीं
  • इंदिरा को जब अपने पुत्र संजय गांधी का राजनीति में बढ़ता हस्तक्षेप पसन्द नहीं आया तो उसकी बलि चढाई
  • इंदिरा ने जेपी को जेल में लेड युक्त पानी पिलवाकर बीमार कर उनकी बलि चढ़वाई
  • इंदिरा ने इमरजेंसी में अनेक राजनितिक प्रतिद्वंदियों की बलि चढ़वाकर अपना राजनितिक करियर बचाया
  • लोग कहते है सोनिया ने गोलियां लगने पर इंदिरा को निकट के राम मनोहर लोहिया अस्पताल न ले जाकर कई किमी दूर स्थित AIIMS ले जाकर उसकी बलि चढ़वाई
  • राजीव ने इंदिरा के नाम पर 30,000 निर्दोष सिखों की बलि चढाई
  • राजीव ने इंदिरा के पुराने बॉयफ्रेंड यूनुस खान के पुत्र आदिल शहरयार को अमेरिका की जेल से निकालने हेतु भोपाल गैस कांड में 25000 निर्दोषों की बलि चढाई और वारेन एंडरसन के बदले आदिल शहरयार को मुक्त करवाया
  • लोग कहते है सोनिया ने राजीव की अंतिम रैली में अंतिम क्षणों में जाने से मना किया और LTTE द्वारा राजीव की बलि चढ़वाई
  • लोग कहते है सोनिया ने प्रतिद्वंदी राजेश पायलट की बलि चढ़वाई,सोनिया ने माधवराव सिंधिया की बलि चढ़वाई, सोनिया ने जितेंद्र प्रसाद की बलि चढ़वाई, इन तीनों ही कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का निश्चय किया था और चुनाव से पूर्व ही इनकी जीवन लीला समाप्त करवा दी गयी
  • लोग कहते है सोनिया ने रॉबर्ट वाड्रा के पूरे परिवार की बलि चढ़वाई, नेहरू-गांधी परिवार के राज दबे रहने के लिए वाड्रा के पूरे परिवार को साफ़ कर दिया गया
  • राहुल गांधी के ऊपर अपने विदेशी मित्रों संग एक कांग्रेस कार्यकर्ता की बेटी सुकन्या का सामूहिक बलात्कार का आरोप लगा था, किन्तु मामला उछलते ही लड़की को उसके परिवार संग गायब करवाकर राहुल के राजनितिक भविष्य को बचाने हेतु उनकी बलि चढ़ा दी गयी

कहते हैं कि इतिहास अपने को दोहराता है, बहोत सम्भव है कि घियासुद्दीन-नेहरू-गांधी परिवार पुनः कुछ बलियों से लाभ प्राप्त करने का प्रयास करे और डूबी हुई सत्ता व् जनसमर्थन प्राप्त करने हेतु कुछ और बलियां देखने को मिलें


 







Thursday, April 26, 2018

क्या धर्म का मार्ग केवल बाबाओं धर्मगुरुओं के मार्गदर्शन से मिल सकता है ?

आसाराम, राधे माँ, भीमानंद जैसों को बनाने में सबसे बड़ा हाथ उन अज्ञानियों का है जो अध्यात्म के नाम पर ऐसे लोगों को पोषित करते हैं, यदि अध्यात्म के प्रति रुचि जागृत हुई है तो अपने धर्म ग्रन्थ उठाकर स्वयं पढ़ना आरंभ करो,किसी और का इंटरप्रेटेशन क्यों, स्वयं अपना इंटरप्रेटेशन करो, समझ तुम्हारे अंदर भी है, मनुष्य वो भी हैं, तुम भी हो,

किंतु मेहनत कौन करे, पकी पकाई चाहिये, बब्बा जी को धन उपलब्ध करवाएंगे उनके मुख से निकली कहानियों-प्रसंगों-बातों को ही अध्यात्म समझ लेंगे,
सत्य की खोज स्वयं करनी होती है, ईश्वर व शांति व्यक्ति के अंदर ही होती हैं, गीता जैसा सरल व सुलभ ग्रन्थ उपलब्ध है किंतु उसे नही पढ़ना, बब्बा जी जो पट्टी पढ़ाएंगे वो ही पढेंगे और आंख बंद कर बिना अपना विवेक लगाए उसी पथ पर चलेंगे जो बब्बा जी बताएंगे, और बब्बा जी की विलासिता पूर्ण करने के साधन बन जाएंगे और उनके द्वारा शोषित होंगे,

कभी “अहं ब्रह्मास्मि” का अर्थ समझने का प्रयास किया ?
धर्म की असंख्य व्याख्याएं हैं किंतु यदि भगवान कृष्ण व राम के जीवन का अध्यन करें तो पाएंगे कि निस्वार्थ व निष्काम भाव से अपने कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वहन करना ही धर्म है।
तो भैया इन बब्बाओं के बताए मार्ग के बदले जो उदाहरण भगवान राम व कृष्ण प्रस्तुत कर गए हैं उन्हीं का अनुसरण कर लो, अपना सनातन धर्म तो वैसे ही ओपन सोर्स एन्ड्रॉयड के समान है जो सबको अपने हिसाब से कस्टमाइजेशन और ट्वीक्स की अनुमति दे देता है,
अतः अध्यात्म की यात्रा स्वयं ज्ञान एकत्र करने से करो सत्य व शांति की प्राप्ति हेतु परिश्रम करों अपनी स्वयं की समझ विकसित करो सनातन धर्म मे कोई बाध्यता नहीं है इतना विशाल है कि अपना मोक्ष का मार्ग स्वयं चुनने की स्वतंत्रता देता है,
बिना संसार को त्यागे सन्यास लिए समाज की सेवा जैसे आप विद्या दान कर, लोगों को रोजगार देकर, चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करवाकर, पशुओं की सेवा कर, धर्म का प्रचार प्रसार उसकी रक्षा हेतु काम कर भी आप मोक्ष पा सकते हैं, जाप, पाठ,पूजा, भजन कीर्तन ही एकमात्र मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग नही है,
सनातन धर्म ये नही कहता कि ईश्वर से डरो और उसके आगे नतमस्तक हो जाओ अन्यथा तुम्हे “दोज़ख” या “हैल” में भेज दिया जाएगा, सनातन धर्म कर्म आधारित है, जैसे कर्म करोगे वैसे ही फल मिलेंगे,
एक सैनिक जो राष्ट्र की रक्षा कर रहा है वो देश के नागरिकों के प्राणों की भी रक्षा में योगदान दे रहा है, ये उसका त्याग व अच्छा कर्म है अतः वो बिना जाप,पाठ, पूजा,भजन,कीर्तन करते हुए भी मोक्ष का अधिकारी है,
एक शिक्षक जो बच्चों को शिक्षित कर उनके भविष्य का निर्माण कर रहा है वो भी अच्छा कर्म कर रहा है मोक्ष का अधिकारी है,
निष्ठा से व्यवसाय करने वाला उद्योगपति जो एक साथ कई लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाकर उनको उनकी आजीविका चलाने में सहयोग कर रहा है वो उसका अच्छा कर्म है वो भी मोक्ष का अधिकारी है,
एक ईमानदार चिकित्सक लोगों को स्वस्थ्य लाभ करवाकर अच्छा कर्म कर रहा है वो भी मोक्ष का अधिकारी है,
ईमानदारी से पशुपालन कर उनकी सेवा कर अपनी आजीविका चलाने वाला व्यक्ति भी अच्छा कर्म कर रहा है, अतः मोक्ष का अधिकारी है,
एक राजनेता जो ईमानदारी से राष्ट्र के निर्माण व उत्थान में योगदान दे रहा है और जनता की सेवा कर रहा है वो उसका अच्छा कर्म है अतः वो भी मोक्ष का आधिकारी है,
और वो सामान्य मनुष्य जो ईमानदारी से कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण कर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है वो भी अच्छा कर्म कर रहा है अतः वो भी मोक्ष का अधिकारी है।

ये गीता ज्ञान का मेरा अपना इंटरप्रेटेशन है,

आप अभी अपने हिसाब से धर्म की व्यख्या कर उसका पालन कर सकते हैं, आपको किसी बब्बा जी के विलासिता पूर्ण करने के साधन बनने की आवश्यकता नहीं है।

:रोहन शर्मा

Sunday, April 15, 2018

कठुआ पर आक्रोश, किंतु उस जैसी दूसरी घटनाओं पर रहस्यमय मौन.....

भारत एक लोकताँत्रिक समाज है जिसका अर्थ है प्रत्येक भारतीय नागरिक के एक समान अधिकार हैं, मत, संप्रदाय, भाषा, जाती अथवा मज़हब के आधार पर न किसी को किसी से कमतर आंका जा सकता है न ही किसी से अधिक, हर समाज का स्याह पहलू होता है, हर समाज में अपराध होते हैं कुछ छोटे मोटे और कुछ जघन्य, मेरे विचार से छोटे अपराधियों को कारावास व् गंभीर जघन्य अपराधी जैसे बलात्कारी व् हत्यारे को मृत्युदंड मिलना चाहिये और पूरे समाज, मिडिया, प्रबुद्ध वर्ग को मुखर होकर प्रत्येक ऐसे अपराध के विरुद्ध खड़े होकर मोर्चा खोल देना चाहिए, तभी हम कह सकते हैं की हम एक जागरूक व् संवेदनशील समाज हैं



3 माह पूर्व कश्मीर के कठुआ में एक बालिका असीफा के संग जघन्य अपराध हुआ, बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गयी, दोनों हिन्दू अपराधी पकडे गये और कानून के शिकंजे में हैं, कल कांग्रेस पार्टी ने इस विषय को उठाया, एक कैंडल मार्च निकाली, मिडिया ने, समाज ने अपना दायित्व निभाया और मुखर होकर विरोध किया, एक दबाव का निर्माण किया,
कल पूरे देश का मिडिया, बुद्धिजीवी वर्ग, समाजसेवक, चिंतक, विचारक, फिल्म-जगत की हस्तियां सब केवल कठुआ रेप केस की ही बात कर रहे थे,
किंतु विचारणीय बात ये हैं की तीन माह के बाद ये आक्रोश क्यों दिखा ? ये जागरूकता, संवेदनशीलता, ये ज्ञान बोध 3 माह के बाद ही क्यों हुआ, तुरंत क्यों नहीं ?
अपराधी तो 2 दिन बाद ही पकड़ लिये गये थे, तो फिर एकाएक पूरा इलेक्ट्रॉनिक मिडिया, सोशल मिडिया, फेसबुक, ट्विट्टर, वाट्सएप्प, प्रबुद्ध लेखक, राजनेता, बुद्धिजीवी, चिंतक, विचारक व् जागरूक फ्ल्मि हस्तियां, राजनीतिक कार्यकर्ता सब तीन माह बाद एकसाथ एक ही दिन कैसे जागृत हो उठे ? अब तक तीन महीने से किसकी प्रतीक्षा कर रहे थे ? किसी विशेष महूरत की या किसी के आदेश की ?  
किंतु कोई बात नहीं, देर आये दुरुस्त आये, सबने एक अच्छे उद्देश्य हेतु एक सुर में आवाज़ उठाई जो अच्छी बात है, असीफा केस के विषय में सबने अपने विचार प्रकट किये और मेरे अंदर भी उसके अपराधियों के प्रति वही घृणा का भाव है,

किंतु सोशल मिडिया पर असीफा केस के इस विरोध में मैंने देखा की कई बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, फ़िल्मी हस्तियों, समाजिक कार्यकर्ताओं ने असीफा के अपराधियों के नाम पर पूरे हिन्दू धर्म और हिन्दू धर्म के अनुयायियों को ही अपराधी ठहराना आरम्भ कर दिया, कहीं भगवान राम और सीता के कार्टून बनाकर राम के भक्त हिंदुओं को बलात्कारी कहा जा रहा था और कहीं हिंदुओं को गिद्ध घोषित किया जा रहा था, रोचक बात ये हैं की ये सब कहने वाले वही लोग हैं जो हर आतंकवादी घटना के बाद सोशल मिडिया पर आकर कहते हैं की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, आतंकवाद को धर्म के चश्मे से मत देखो,
और आज वे सभी लोग एक रेप पीडिता बच्ची के नाम पर हिन्दू धर्म पर आक्षेप लगाकर पूरे हिन्दू समाज को बलात्कारी कहकर नीचा दिखाने का भरसक प्रयास कर रहे थे, मुझे समझ नहीं आया की ये लोग बलात्कार का विरोध कर रहे हैं या हिंदुओं और हिन्दू धर्म का ?     
किंतु कोई बात नहीं भावनाएं हैं भड़क जाती हैं,

अब चलिए आपको ऐसी ही कुछ और घटनाओं के विषय में बताता हूँ, कुछ और भी केस हैं जहाँ पीड़ितायें इतनी अधिक अभागी निकलीं की मिडिया, समाज व् प्रबुद्ध वर्ग ने उन के साथ हुए अपराध को अखबार के 6वें पन्ने में एक छोटे से कोने में छोटे छोटे अक्षरों में लिखकर अपने दायित्व की इतिश्री कर ली

मैं पिछले दिनों घटित हुई घटनाओं का यहाँ उल्लेख करना चाहता हूँ और साथ में न्यूज़ लिंक के स्क्रीन-शॉट्स भी पोस्ट कर रहा हूँ



1.     23 मार्च 2018: असम, दस वर्षीय बच्ची घर में अकेली थी जाकिर हुसैन, व् उसके दो अन्य मुस्लिम साथियों ने घर में घुसकर उसका सामूहिक बलात्कार किया और मिट्टी का तेल डालकर बच्ची को जिंदा जला दिया

2.     10 अप्रैल 2018: यूपी, बिजनौर, 7 वर्षीय बच्ची का सलमान, मोहम्मद और ख़ुर्शीद नामक मुस्लिमों ने सामूहिक बलात्कार किया व् हत्या कर दी



3.     मार्च 2018 जयपुर: हिंदू लड़की ने जाकिर नामक मुस्लिम युवक को मुंहबोला राखी भाई बनाया, जब लड़की का विवाह तय हुआ तो उसी जाकिर ने धोखे से लड़की को नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश किया, उसके साथ बलात्कार किया, उसका वीडियो बनाया और लड़की के मंगेतर को भेज दिया, लड़की की शादी टूट गयी, लड़की ने आत्महत्या कर ली



4.     नवंबर 2017: मेरठ/बवाना यूपी: अमिरुद्दीन नामक मुस्लिम युवक ने एक दलित युवती को लव जिहाद के अंतर्गत हिन्दू नाम बताकर फँसाया सिनेमाहॉल में ले जाकर अपने साथी वसीम के संग उसका सामूहिक बलात्कार किया

5.     नवंबर 2017: केरल, अमीरुल इस्लाम नामक व्यक्ति ने 29 वर्षीय लॉ की छात्रा जीशा के घर में घुसकर उसका बलात्कार किया और चाकू से उसके गुप्तांगों पर 30 वार किये और उसकी अंतड़ियाँ निकाल ली, पीडिता जीशा दर्दनाक मृत्यु को प्राप्त हुई

6.     28 दिसम्बर 2017: दिल्ली, ६० वर्षीय मोहम्मद जैनुल ने एक पांच व् एक 9 वर्षीय बच्ची को मिठाई देने के बहाने बुलाया दोनों का बलात्कार किया और दोनों को 5-5 रूपये देकर घटना के विषय में किसी को न बताने के लिए कहा



7.     16 मार्च 2018: असम नागाओ, 8 मुस्लिमों ने मिलकर हिन्दू महिला के पति को बाँधकर उसके सामने हिन्दू पत्नी का सामूहिक बलात्कार किया, बलात्कारियों के नाम मर्जत अली, इकरामुल हक, फैजुल हक, नज़रुल हक, मजिदुल हक, हबीबुर रहमान, सुल्तान, म्म्ताज़ रहमान

8.     7 अप्रैल 2018: यूपी, हिन्दू लड़की को फिरासत नामक मुस्लिम ने लव जेहाद में फँसाया, लड़की को घर से भगाया, उसका धर्म परिवर्तन कर उसको हिन्दू से मुसलमान बनाया उससे निकाह किया, फिर अपने मुस्लिम साथियों संग मिलकर लड़की का सामूहिक बलात्कार किया और और उसे केरल ले जाकर वहां वेश्यालय में बेच दिया



9.     2 अप्रैल 2018: बरपेटा असम, १२ वर्षीय हिन्दू बच्ची संग बांग्लादेशी मुस्लिमों ने सामूहिक बलात्कार किया, लड़की की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को खेत में फेंक कर भाग गये

10.  4 अप्रैल 2018, बिस्वनाथ चरियाली असम, मुस्लिम मौलवी अब्दुल ने 18 वर्षीय हिन्दू लड़की का बलात्कार किया

11.   9 अप्रैल 2018, करगहर बिहार, 6 वर्षीय हिन्दू बच्ची का मेराज आलम नामक व्यक्ति ने बलात्कार किया, रक्तस्राव से पीड़ित बच्ची की मृत्यु 

12.  17 नवंबर 2017, अनुपगढ मध्यप्रदेश, शौकत नामक युवक ने एक छात्रा पूजा कोतमा की तलवार से गले पर वार कर उसका सर धड़ से अलग कर हत्या कर दी क्योंकि उसने शौकत के प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था




13.  7 मार्च 2018, बंगाल, 3 वर्षीय बच्ची अपने 5 वर्षीय भाई संग बस स्टैंड पर खेल रही थी, बस क्लीनर 45 वर्षीय शेख मुन्ना नामक मुस्लिम बच्ची को उठाकर बस के अंदर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया, और पूरे समय लड़की का 5 वर्षीय भाई बस का दरवाजा पीटता रहा हाथ जोड़ के शेख मुन्ना से विनती करता रहा की उसकी बहन को छोड़ दे



14.  अप्रैल 2018, बंगाल रामपुरहट, सूरी के मुस्लिम लव जेहादी ने अपने को हिन्दू बताकर 12वीं की छात्रा सुमी लेट्ट को फँसाया, लड़की को घर से भगाया, उसका धर्म परिवर्तन कर उसका नाम सायरा बीबी रखा गया, कुछ दिन बाद लड़की के माता पिता को लड़की का अधजला शव सूरी के एक अस्पताल से मिला



15.  20 मार्च 2018, सहापरा बंगाल, एक तलाक़शुदा 12 वर्षीय बच्ची की मां को शेख अमीरुल ने फँसाया, उससे निकाह किया, निजी तस्वीरें व् अन्तरंग क्षणों के वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया उसकी पूँजी हथियाई, और उसकी 8 वर्षीय बच्ची का बलात्कार कर दिया

16.  जनवरी 2018, मुज़फ़्फरनगर यूपी, हिंदू लड़की की मुस्लिम सहेली ने उसे अपने घर बुलाया, जहाँ मुस्लिम सहेली के भाई ने अपने बहन के सामने उसकी हिन्दू सहेली का बलात्कार किया और मुस्लिम बहन वो पूरा बलात्कार अपने फोन में रिकॉर्ड करती रही, और फिर दोनों भाई बहन ने हिंदू लड़की को धमकी दी की यदि हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर मुसलमान नहीं बनी तो उसके बलात्कार का वीडियो वायरल कर देंगे



17.  23 फरवरी 2018, चतरा झारखंड, इसरार, सद्दाम, शाहीद आलम तीन भाइयों ने 15 वर्षीय हिन्दू लड़की के संग सामूहिक बलात्कार किया, और फिर उसे जिंदा जलाकर मार डाला

18.   27 दिसम्बर 2017, रामगढ़ झारखंड, किरन कुमारी नामक लड़की ने एक मुस्लिम आदिल अंसारी से शादी कर ली, आदिल और उसके परिवारवाले लड़की पर हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर मुसलमान बनने का दबाव बनाने लगे लड़की नहीं मानी तो लड़के के बाप, लड़के के चाचा दो अन्य लोग व् आदिल लड़की को रात में सूनसान स्थान पर ले गए, लड़के के बाप, चाचा, और उनके साथ आये दोनों सहयोगियों ने लड़की के संग सामूहिक बलात्कार किया लड़की की हत्या करी, और शव नदी में फेंक दिया



19.  नवंबर 2017,मेरठ यूपी : शादाब नामक पूर्व नौकर ने प्रेरणा गुप्ता नामक महिला की हत्या कर दी, शादाब ने महिला संग बलात्कार किया था, लोकलाज के डर से महिला ने किसी को नहीं बताया और शादाब को नौकरी से निकाल दिया, महिला का विवाह तय हो गया था, शादाब ने महिला की हत्या करी और उसका अश्लील वीडियो उसके होने  मंगेतर को भेज दिया

20.  26 जनवरी 2018, असम ढेकियाजौली, सरस्वती पूजा मनाने गयी 15 वर्षीय हिन्दू बच्ची का उसके मुस्लिम मित्र व् 3 अन्य मुस्लिमों ने सामूहिक बलात्कार किया, लड़की अपने मुस्लिम मित्र संग सरस्वती पूजा का पंडाल देखने गयी थी जहाँ से उसे निर्जन स्थान पर ले जाकर उसके संग सामूहिक बलात्कार किया गया

21.  4 अप्रैल 2018, मुरादाबाद यूपी, मुस्लिम युवक ने अपने को हिन्दू बताकर हिन्दू लड़की को प्रेम जाल में फँसाया, उसे घर से भगा के लगाया जबरन उसे हिन्दू से मुसलमान बनाने हेतु धर्मपरिवर्तन करवाया और फिर अपने मुस्लिम साथियों के साथ मिलकर लड़की के संग सामूहिक बलात्कार किया

22.  28 फरवरी 2018, इलाहाबाद, मुस्लिम दुकानदार अनवर व् वाजिद की दुकान से मोबाईल लेने गयी 12वीं की हिन्दू छात्रा को 6 मुसलमानों ने बंधक बनाया, उसे जबरन इस्लाम कबूल करने को कहा, लड़की नहीं मानी उसके संग 6 मुस्लिमों ने सामूहिक बलात्कार किया, फिर फंसने के डर से लड़की पर मोबाईल चोरी का आरोप लगाकर जेल भिजवा दिया

23.  9 जनवरी 2018, बुलंदशहर यूपी: ज़ुल्फ़िकार,इस्माइल और दिलशाद नामक मुस्लिमों ने 16 वर्षीय हिन्दू बच्ची जो शाम को कोचिंग से पढ़कर वापस घर जा रही थी का अपहरण किया नेशनल हाइवे पर ले जाकर उसके संग सामूहिक बलात्कार किया, और लड़की की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव नहर में फेंक दिया

24.  अगस्त 2017, इलाहाबाद यूपी: हिना तलरेजा नामक लड़की ने एक अदनान नामक मुस्लिम से शादी कर ली, अदनान के घरवालों को हिना पसंद नहीं थी और उन्होंने उसकी दूसरी शादी करवाने की योजना बनाई, हिना इससे नाराज थी, अदनान ने हिना को माफ़ी मांगने के बहाने बुलाया साथ में अपने चार मुस्लिम दोस्तों को लिया उसे निर्जन स्थान पर ले गए जहाँ अदनान ने अपने दोस्तों से हिना का सामूहिक बलात्कार करवाया और फिर उसके माथे से पिस्टल सटाकर गोली मार दी, इतने से मन नहीं भरा तो गोली के घाव में चाक़ू घुसेडकर चेहरा फाड़ दिया

25.  5 जनवरी 2018, मेरठ: एक दलित युवती पर मुस्लिम युवक बिट्टू धर्मपरिवर्तन और निकाह का दबाव बना रहा था लड़की नहीं मानी तो बिट्टू उसके भाई काले, जीजा महताब, चचेरे भाई शाहबाज ने लड़की का अपहरण किया 7 दिनों तक उसका सामूहिक बलात्कार किया और धर्मपरिवर्तन न करने पर बलात्कार के वीडियो वायरल करने की धमकी दी

26.  15 मार्च 2018, असम हेलकंडी: 13 वर्षीय हिन्दू आदिवासी बच्ची का जेशिमुद्दीन बोर्भुइया के बलात्कार व् निर्मम हत्या कर दी

27.  19 नवंबर 2017, बंकुरा बंगाल: 3 वर्षीय हिन्दू बच्ची शौंच के लिए बाहर गयी, जहाँ उसके पड़ोसी रहमान ने उस तीन वर्षीय बच्ची संग बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी

28.  15 दिसंबर 2017, शिकोहाबाद: एक हिन्दू किशोरी का मुस्लिम पड़ोसियों ने अपहरण किया नशे के इंजेक्शन देकर 12 दिन तक किशोरी संग सामूहिक बलात्कार किया गया, 27 दिसम्बर को जब कार से वे मुस्लिम लड़की को वेश्यालय बेचने जा रहे थे तो लड़की को होश आया और वो चलती कार से कूदकर भागी

29.  16 जनवरी 2018: दिल्ली: 12 वर्षीय लड़के की तलाक़शुदा मां 38 वर्षीय हिन्दू महिला का उसके 30 वर्षीय मुस्लिम प्रेमी शाहबाद खान ने बलात्कार किया फिर कार में गला घोटकर उसकी हत्या की और महिला का नग्न शव उसके घर फेंक आया



30.  13 अप्रैल 2018, शामली यूपी: कैराना के दंगा पीड़ित हिन्दू की नाबालिग बेटी संग सामूहिक बलात्कार अपराधी आरिफ, फ़िरोज़, सद्दाम और रईस फरार


इन घटनाओं को हमारे समाज, नेताओं, बुद्धिजीवियों ने नजरअंदाज ही कर दिया, किन्तु
क्या आपने किसी को भी भारत के सबसे बड़े अजमेर शरीफ दरगाह के 500 हिन्दू छात्राओं के रेप ब्लैकमेल काण्ड पर एक शब्द भी लिखते और बोलते सुना है ?

90 के दशक में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर शरीफ दरगाह में 500 हिन्दू स्कूली छात्राओं का रेप और ब्लैकमेल का बहुत बड़ा काण्ड हुआ जिसमें दरगाह को चलाने वाले खादिमों, संचालकों और कांग्रेस नेताओं ने मिलकर भारत में अब तक के सबसे बड़े रेप और ब्लैकमेल काण्ड को अंजाम दिया था, जिसमे सभी 18  अपराधी मुसलमान थे, और सभी 500 पीडिता स्कूली छात्राएं हिंदू,  प्रमुख अपराधी फारूख चिश्ती खादिम के परिवार से था और यूथ कांग्रेस का नेता था तथा अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष भी था, और नफ़ीस चिश्ती व् अनवर चिश्ती यूथ कांग्रेस यूनिट के उपाध्यक्ष व् जॉयंट सेक्रेटरी थे और अजमेर दरगाह के खादिमों के परिवार से थे, घानी चिश्ती, मोइजुल्लाह, इशरत अली, अनवर, शमसुद्दीन चिश्ती, सुहैल चिश्ती और अलामास अन्य प्रमुख अपराधी थे

अजमेर शरीफ दरगाह को चलाने वाले उसके संचालक व् खादिम और कांग्रेस नेताओं ने पहले एक हिन्दू लड़की को फंसाकर उसका सामूहिक बलात्कार किया और उसकी नग्न अश्लील व् बलात्कार के समय की फोटो खींची और उसे ब्लैकमेल किया की अपनी सहेलियों व् साथ पढने वाली लड़कियों को हमारे पास लाओ वरना फोटो सार्वजनिक कर दी जाएँगी, स्कूली छात्राएं अपरिपक्व थी और जाल में फंसती चली गयी, उस लड़की ने विवश होकर अपनी अन्य सहेलियों को भी दरगाह के खादिमों के चंगुल में फंसवा दिया, यही कार्य हर नई लड़की के संग करते गये और नयी बलात्कार पीडिता को नयी लड़कियाँ लाने को कहा जाने लगा, हर नयी लड़की आती उसका बलात्कार होता उसकी फोटो खींचतीं और उसे अपनी सहेलियों को लाने के लिए बाध्य किया जाता. और जबतब यौन शोषण के लिए दरगाह के खादिम और कांग्रेस नेता हिन्दू छात्राओं को बुला लेते और फिर उन लड़कियों के घरवालों को फोटो दिखाकर धन उगाही और ब्लैकमेलिंग भी शुरू हुई, पुलिस प्रशासन व् अधिकारी इस पूरे काण्ड से परिचित थे किंतु कांग्रेस के नेता शामिल थे, केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकारें थी और अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम बहुत रसूख और पहुँच वाले थे, अजमेर दरगाह के खादिम मोइन्न्नुदीन चिश्ती के वंशज हैं अतः इतने बड़े लोगों पर कार्यवाही की हिम्मत प्रशासन में नहीं थी, कई छात्राओं ने प्रतिदिन हो रहे यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग से त्रस्त होकर आत्महत्या कर ली थी, ये सब तब-तक चलता रहा जब तक नवज्योति के एडिटर देवबंधु चौधरी ने साहस कर इस विषय को प्रकाशित नहीं किया और FIR नहीं करवाई
अब विचार कीजिये की कैसे हमारे समाज में इतनी वीभत्स व् शर्मनाक घटना घटित हुई और किसी ने मुखर होकर विरोध नहीं किया, किसी ने अपराधियों के मजहब पर और उनके अजमेर दरगाह से सीधे सम्बन्धों पर प्रश्न नहीं उठाये ?



ऐसा नहीं है कि मैं केवल हिंदू पीड़ितों की बात कर रहा हूँ, मुस्लिम रेप पीड़ितों के प्रति हमारा समाज चुप्पी साध लेता है यदि बलात्कारी उन्ही की कौम का हो तो कुछ ऐसी ही घटनाएं प्रस्तुत कर रहा हूँ



  1. 23 मई 2013, कश्मीर बडगाम: मदरसे के मौलवी गुलज़ार अहमद ने अपने मदरसे की 500 बच्चियों व् महिलाओं का बलात्कार किया था, वो इस्लाम के नाम पर यौन शोषण किया करता था और बच्चियों को खुदा का खौफ दिखाकर चुप कराता था
  2. 28 फरवरी 2018, दिल्ली नरेला : 70 वर्षीय मौलवी ने 9 वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया
  3. 3 अप्रैल 2018, चतरा: मौलाना ने 12 वर्षीय बच्ची संग बलात्कार किया
  4. 30 दिसंबर 2017,लखनऊ: मदरसा संचालक मोहम्मद तैयब जिया ने मदरसे की 51 बच्चियों संग बलात्कार किया और बच्चियों को बंधक बनाकर मदरसे में रखा हुआ था
  5. 14 अप्रैल 2018, मुरादाबाद भगवतपुर, एक मस्जिद के अंदर इमाम ने दुकान संचालक संग मिलकर 14 वर्षीय बच्ची का बलात्कार किया
  6.  25 अक्तूबर 2017, मुंबई, मस्जिद के इमाम ने 8 वर्षीय बच्ची का तीन बार बलात्कार किया
  7. मार्च 2018, कश्मीर: बजलता इलाके के मदरसे में मौलवी शाहनवाज़ ने 7 वर्षीय बच्ची का बलात्कार किया
  8. अक्तूबर 2017, मुंबई नागपाड़ा: मस्जिद के इमाम ने नाबालिग बच्ची का बलात्कार किया
  9. फरवरी 2018, असम: मदरसे के मौलवी ने 19 वर्षीय लड़की के संग कई बार बलात्कार किया, जब लड़की गर्भवती हुई तब मामला सामने आया




अब कुछ कश्मीर की घटनाओं का उल्लेख करता हूँ

·       1990 कश्मीर: एक स्कूल टीचर बबली रैना का उसके परिवार के सामने मुस्लिमों द्वारा बलात्कार किया गया और फिर परिवार समेत उसकी हत्या कर दी गयी

·       1990 कश्मीर: मुस्लिमों द्वारा 12 वर्षीय हिन्दू लड़की शालू बसंती का उसके पिता विजय चंद के संग HMT कोलोनी से अपहरण किया गया, पिता के सामने बच्ची का कई बार सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर दोनों की हत्या कर दी गयी

·       1990 कश्मीर: मिसेज़ पॉल BSF अधिकारी की पत्नी का मुस्लिमों द्वारा अपहरण किया गया कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर उनका शव टूटी टांगों के साथ सडक किनारे पड़ा पाया गया

·       1990 कश्मीर: गिरजा टिक्कू एक लैब असिसटेंट थीं मुस्लिमों ने उनका अपहरण किया कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया और फिर लकड़ी काटने वाली आरा मशीन से गिरजा टिक्कू के शरीर के टुकड़े कर दिए गए, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला की जब उन्हें काटा जा रहा था तब वो जीवित थी

·       1990 कश्मीर: सरला भट श्रीनगर के अनंतनाग के मेडिकल इंस्टिट्यूट में नर्स थीं मुस्लिमों ने उनका अपहरण किया कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया, फिर हत्या कर शव को सडक किनारे फेंक दिया

·       1990 कश्मीर: पर्णा गंजू का उसके पति के संग अपहरण किया गया पति के सामने ही उसके संग कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया गया, फिर पति-पत्नी दोनों की हत्या कर शव नदी में फेंक दिए गये

·       1990 कश्मीर: मुस्लिमों ने सोहन लाल बारू के घर में घुसकर उनके सामने ही उनकी पत्नी विमला और छोटी बच्ची अर्चना संग सामूहिक बलात्कार किया छोटी बच्ची अर्चना ने बलात्कार के समय ही दम तोड़ दिया उसके बाद सोहन लाल और उनकी पत्नी को गोली मार दी गयी  




इन घटनाओं पर दृष्टि डालने के बाद मुझे समझ नहीं आता की इन अभागी पीड़ितों के लिए बुद्धिजीवी वर्ग, समाजसेवक, राजनैतिक पार्टियों, राजनेताओं व् राजनैतिक कार्यकर्ताओं, बड़े बड़े पत्रकारों,  इलेक्ट्रॉनिक मिडिया,  सोशल मिडिया फेसबुक,  ट्विट्टर,  वाट्सएप्प,  प्रबुद्ध लेखक, चिंतक,  विचारक व् जागरूक फ्ल्मि हस्तियां, राजनीतिक कार्यकर्ता का हृदय क्यों नहीं पसीजा? असीफा के लिए सबको पीड़ा हुई और होनी भी चाहिए थी, किंतु इन पीड़ितों के लिए क्यों नहीं ? क्या ये कम मनुष्य थीं ? क्या इन्हें न्याय का अधिकार नहीं था ? क्या इनके कोई अधिकार नहीं थे ? क्या ये भारत की बेटियां नहीं थी? या इनकी नागरिकता कुछ कम थी ? क्यों हमारा समाज इनके लिए मुखरता से आवाज नहीं उठा सका ?
क्यों वे लोग जो आज पूरे हिन्दू धर्म और उसके अनुयायियों पर बलात्कारी होने का ठप्पा व् मुहर लगा रहे हैं वो इन पीड़ितों के अपराधियों की पहचान कर उनपर कोई ठप्पा व् मुहर नहीं लगाते हैं ? किस बात का डर है इन अपराधियों के विरुद्ध बोलने में? इन्होंने भी तो वही अपराध किया है की कठुआ वाले अपराधियों ने किया है फिर इनपर एक रहस्यमय चुप्पी क्यों ?

मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि आपका ये विरोध बड़ा सेलेक्टिव है जनाब, 3 महीने तक तैयारी कर एक आर्टिफिशियल माहौल बनाकर योजनाबद्ध रूप से जनता व् समाज की भावनाएं भड़काकर एक दुखद हृदयविदारक घटना को अपने एजेंडे के अंतर्गत भुनाना और पूरे हिन्दू समाज को अपराधबोध से ग्रसित कर उन्हें उनकी पहचान पर लज्जित कर देने की कूटनीति भोले भाले नागरिक नहीं समझ सकते, वे तो आज “I am ashamed to be a Hindu” लिखी तख्ती हाथ में पकडे अपने हिन्दू होने पर लज्जित हो रहे हैं किंतु क्या इनलज्जित हिंदुओंने कश्मीर में 20-22 हजार कश्मीरी हिंदु बेटियों के बलात्कार व् हत्या पर, असम, बंगाल व् केरल में प्रतिदिन हिन्दू महिलाओं के बलात्कार व् हत्याओं पर किसी अन्य मजहब के व्यक्ति को इसी प्रकार की तख्ती पकड़े देखा है?

हमारे समाज के लोग बहुत भोले हैं त्वरित प्रतिक्रिया देते हैं बिना सोचे समझे की इसका दूसरा पक्ष क्या है न ही उन्हें स्थानों की भौगोलिक व् राजनैतिक वस्तु-स्थिति का ज्ञान है,
 मैं महीने भर पूर्व ही जम्मू होकर आया हूँ और परिस्थितियाँ समझने हेतु वहां समय भी बिताया व् वहां के नागरिकों से बातचीत भी की,
थोड़ा प्रकाश डालना चाहूँगा इस विषय पर की कठुआ कश्मीर के जम्मू में स्थित है, जम्मू पूरे कश्मीर में एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ हिन्दू बहुसंख्यक है, कश्मीर घाटी से 5 लाख हिंदुओं को बलात्कार,  हत्या,  लूट-मार व् जनसंहार के द्वारा विस्थापित कर दिया गया था लगभग 1 लाख हिन्दू मार दिए गए थे, किंतु जम्मू में हिंदुओं की संख्या अधिक होने की वजह से ये कृत्य जम्मू में नहीं दोहराया जा सका,  और भारत के शत्रुओं को किसी भी कीमत पर यह स्थिति बदलनी है, अतः उन्होंने कुटिलता पूर्वक लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से जम्मू में बसाया, जम्मू में हुए पिछले आतंकी हमले में आतंकियों को हफ्ते भर तक इन रोहिंग्याओं ने ही अपनी बस्तियों में छिपाकर रखा था, इन रोहिंग्या मुसलमानों के आने के बाद से जम्मू में अपराध का ग्राफ़ बहुत तेजी से बढ़ा है, जिससे वहां के मूल नगरिको में बड़ा रोश है और अब वो सड़कों पर उतरकर इन रोहिंग्याओं को जम्मू से निकालने हेतु अभियान चला रहे हैं, यदि ऐसा हो गया तो फिर जम्मू की डेमोग्राफी बदलकर जम्मू को इस्लामिक स्थान बनाने का उद्देश्य लटक जायेगा, अतः कहीं ऐसा तो नहीं की जम्मू के हिंदुओं के विरुद्ध माहौल बनाकर उन्हें डराने व् मुखर होकर रोहिंग्याओं का विरोध न करने के लिए आज जम्मू के हिंदुओं के विरुद्ध भावनाएं भड़काई जा रही है और मिडिया व् भारतीय समाज असीफा की घटना पर उद्वेलित होकर अनजाने में शत्रुओं के एजेंडे का एक औजार बन उनकी कठपुतली जैसा व्यवहार कर रहा है ?
अन्यथा देश के विभिन्न स्थानों पर ऐसी ही इतनी सारी वीभत्स घटनाओं पर चुप्पी और केवल जम्मू में घटित हुई घटना पर ही आक्रोश व् संवेदनशीलता वो भी तब जब अपराध के बाद ही आरोपियों को पकड़ लिया गया, और जिन वकीलों की बात हो रही है आपको बारीकी से देखना होगा की उन वकीलों का नेतृत्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का निजी वकील, राजनितिक सलाहकार व् उसका दायाँ हाथ व् चुनावी एजेंट बी.एस सलाठिया के हाथ में है, जो पुराने काँग्रेसी है, और ये बात परिस्थिति को और भी संदिग्ध बना देती है      

वैसे सभी विरोध प्रदर्शनकारियों से कहना चाहूँगा की मैं आपकी भावना से जुड़ा हुआ हूँ, आपकी तरह मैं भी द्रवित हूँ दुखी हूँ, अपराधियों को कठोरतम दंड मिलना चाहिए ऐसी कामना करता हूँ किंतु आपके प्रति पूरे सम्मान के संग ये भी कहता हूँ की ये आपका कैम्पेन, ये विरोध प्रदर्शन, आपके लेख, आपके कार्टून, आपका आक्रोश, आपकी संवेदनशीलता, आपकी मानवता की दुहाई,  सेलेक्टिव व् पक्षपाती है जनाब, जब अपराधी हिन्दू होते हैं केवल तभी आपकी ये भावनाएं जागृत होती हैं, अन्य ऐसी घटनाओं पर आपकी चुप्पी आपकी निष्पक्षता के ऊपर एक बड़ा सा प्रश्नचिन्ह लगा देती है    

 रोहन शर्मा

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